Monday, June 16, 2014

Musafir!!!

रुक ना जाना थक कर मुसाफिर ,
वक़्त की रफ़्तार रुकने से रुकेगी !

ना आयेगा ये दौर गुज़र गया अगर तो ,
और गया अगर तो खुशियाँ हमे मिलेगी !

जागती आँखों ने............. मेरी ,
तुमसे मिलने का देखा था एक सपना !
तुम आंखे बंद करना
खवाबों में मैं मिलूंगी .......!!



गर पाओ खुद को तन्हा ...
याद मेरी आये .....!
तो यादें याद करना यादों में मैं मिलूंगी

रुक ना जाना थक कर मुसाफिर ,
वक़्त की रफ़्तार रुकने से रुकेगी !


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